Wednesday, December 28, 2011

Untitled

तेरे सवालों ने जवाब दिए हैं
उम्मीद दी हैं , ख्वाब दिए है

लम्बी अँधेरी रात थी ज़िन्दगी
तुने रोशनी दी है, आफ़ताब दिए है

मेरे देखते मुरझाते थे फूल
तेरी हँसी ने गुल शादाब दिए है

रात में सोना और दिन में काम थी ज़िन्दगी
तेरे ख़यालो ने सुबह ओ शाम दिए है
 

Sunday, December 04, 2011

Thesis problem statement..अब तो सामने आओ


तुम रातों के सपनों में हो
सुबह की सोच में हो
दोपहर के किस्से में हो
दिन के हर हिस्से में हो



एक खुबसूरत ख्याल हो तुम
सबसे अजीज़ सवाल हो तुम


प्रिये, मुझे और न सताओ
मेरी Thesis problem statement
अब तो सामने आओ


किताब पढ़ी
पेपरों का printout लिया
हज़ारों line का code लिखा
बार बार ./a.out किया


इस पूरी process में कहा bug है
यह तो बताओ
प्रिये, मुझे और न सताओ
मेरी Thesis problem statement
अब तो सामने आओ