बस बातों की जमा पूँजी है
सपनो की तिजोरी की यही एक कुंजी है
कभी मीठी तो कभी कडवी
थोडा चना ज्यादा चिरौंजी है
बस बातों की जमा पूँजी है
आँखों से मेरे कही गयी
कानों में तेरे गूंजी है
बस बातों की जमा पूँजी है
चेहरे से खिलखिलाई है
गले में अटकी रूंधी है
बस बातों की जमा पूँजी है
सपनो की तिजोरी की यही एक कुंजी है
कभी मीठी तो कभी कडवी
थोडा चना ज्यादा चिरौंजी है
बस बातों की जमा पूँजी है
आँखों से मेरे कही गयी
कानों में तेरे गूंजी है
बस बातों की जमा पूँजी है
चेहरे से खिलखिलाई है
गले में अटकी रूंधी है
बस बातों की जमा पूँजी है
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