कभी ऐसा करना है मुझे
डालनी है एक छत
कुछ खिड़कियों पर
देने है कुछ दरवाजें
खिड़कियों के बीच में
बिछानी है दरी बीच में
सजानी है उसके चारो और
Narayan, Wodehouse, Pula
और भी बहुत सारी किताबें
इसके ऊपर, छत पर
लिखना है don't panic
डालनी है एक छत
कुछ खिड़कियों पर
देने है कुछ दरवाजें
खिड़कियों के बीच में
बिछानी है दरी बीच में
सजानी है उसके चारो और
Narayan, Wodehouse, Pula
और भी बहुत सारी किताबें
इसके ऊपर, छत पर
लिखना है don't panic
दरी पर, किताबों से घिरे हुए
don't panic के ठीक नीचे सो जाना है
और मुक़र्रर करना है एक आदमी
जो मेरे सोने पर
ऊपर से भी कुछ किताबें डाल दे
और मुक़र्रर करना है एक आदमी
जो मेरे सोने पर
ऊपर से भी कुछ किताबें डाल दे
4 comments:
Godmaxx Fantasy :D...
But make it clear whether your fantasy talks about a peaceful sleeping environment or a coffin?
ye bahut gehrayi wali baat kahi hai.. samajhna har kisi ke bas ki baat nahi... kavitaon mein freshness , nayapan hai... :)
it is open to interpretation..main ise apni vyakhya de kar limit nahi karna chahta
hmm.. poems ka waise bhi kabhi ek interpretation nahi hota ... but mein samajhna chahti thi ki ismein wo gehrayi wali baat kya hai jise aapne soch kar likhi hogi :)
btw thakn you for ur comment on my blog... sach kuch daag achhe hote hain :)
Tkcr!
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